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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
क्या इस गीत की कोई ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है?
‘सर हिमालय का हमने न झुकने दिया’, इस पंक्ति में हिमालय किस बात का प्रतीक हैं?
इस गीत में धरती को दुल्हन क्यों कहा गया है?
गीत में ऐसी क्या खास बात होती है कि वे जीवन भर याद रह जाते हैं?
कवि ने ‘साथियों’ संबोधन का प्रयोग किसके लिए किया है?
‘कवि ने इस कविता में किस काफिले को आगे बढ़ाते रहने की बात कही है?
इस गीत में ‘सर पर कफन बाँधना’ किस ओर संकेत करता है?
इस कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए।
निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई
फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया
खींच दो अपने खूँ से ज़मीं पर लकीर
इस तरफ़ आने पाए न रावन कोई
छू न पाए सीता का दामन कोई
राम भी तुम, तुम्हीं लक्ष्मण साथियों
इस गीत में कुछ विशिष्ट प्रयोग हुए है। गीत के संदर्भ में उनका आशय स्पष्ट करते हुए अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
कट गए सर, नब्ज़ जमती गई, जान देने की रुत, हाथ उठने लगे