कोई भी भाषा आपसी व्यवहार में बाधा नहीं बनती-पाठ के किस अंश से यह सिद्ध होता है?
पी.टी. साहब की ‘शाबाश’ फ़ौज के तमगों-सी क्यों लगती थी? स्पष्ट कीजिए|
नयी श्रेणी में जाने और नयी कापियों और पुरानी किताबों से आती विशेष गंध से लेखक का बालमन क्यों उदास हो उठता था?
स्काउट परेड करते समय लेखक अपने को महत्वपूर्ण ‘आदमी’ फौजी जवान क्यों समझने लगता था?
हेडमास्टर शर्मा जी ने पीटी साहब को क्यों मुअत्तल कर दिया?
लेखक एक अनुसार उन्हें स्कूल ख़ुशी से भागे जाने की जगह न लगने पर भी कब और क्यों उन्हें स्कूल जाना अच्छा लगने लगा?
लेखक अपने छात्र जीवन में स्कूल से छुट्टियों में मिले काम को पूरा करने के लिए क्या-क्या योजनाएँ बनाया करता था और उसे पूरा न कर पाने की स्थिति में किसकी भांति ‘बहादुर’ बनने की कल्पना करता था?
पाठ में वर्णित घटनाओं के आधार पर पीटी सर की चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए|
विद्यार्थियों को अनुशासन में रखने के लिए पाठ में अपनाई गयी युक्तियों और वर्तमान में स्वीकृत मान्यताओं के संबंध में अपने विचार प्रकट कीजिए|
बचपन की यादें मन को गुदगुदाने वाली होती हैं विशेषकर स्कूली दिनों की| अपने अब तक एक स्कूली जीवन की खट्टी-मीठी यादों को लिखिए|
प्रायः अभिभावक बच्चों को खेल कूद में ज्यादा रूचि लेने पर रोकते हैं और समय वर्वाद न करने की नसीहत देते हैं| बताइए-
(क) खेल आपके लिए क्यों जरूरी हैं?
(ख) आप कौनसे ऐसे नियम-कायदों को अपनाएंगे जिससे अभिभावकों को आपके खेल पर आपत्ति न हो?