गिलहरी के घायल बच्चे का उपचार किस प्रकार किया गया है?

गिलहरी के घायल बच्चे का उपचार भली-भांति पूर्वक किया गया है। कौओं के चोंच मारने पर बेसुध और खून से लथपथ ‘गिल्लू’ को लेखिका अपने पास लाकर आयी और उसके जख्मों पर पर मरहम लगाई गयी| फिर उसे रुई के पतले फाहे की नोंक से दूध पिलाने का प्रयास किया। दूध ना पी पाने की स्थिति में लेखिका इस प्रकार उसके मुंह में पानी की बूंदें टपका कर उसे जीवित रखने का प्रयास करती हैं। वे यह सिलसिला गिलहरी के बच्चे के पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाने तक जारी रखती हैं।


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