भाई के बुलाने पर घर लौटते समय लेखक के मन में किस बात का डर था?

कई साथियों के साथ लेखक अपने गाँव में झरबेरी के बेर तोड़ - तोड़कर खा रहा था। तभी गांव का एक आदमी आकर लेखक से बोला कि उसके बड़े भाई उसको बुला रहे हैं, शीघ्र चले जाओ। इसलिए वे यह सुनकर लेकर तुरंत घर की तरफ चल पड़े। लेखक को समझ में नहीं आ रहा था कि उन्होंने ऐसा क्या कसूर किया है जिसके लिए उनके बड़े भाई ने उनको शीघ्र बुलाया है। लेखक को आशंका थी कि कहीं बेर तोड़कर खाने के अपराध में तो पेशी नहीं हो रही है। इसलिए उनके मन में डर था कि इसके लिए कहीं उनको अपने बड़े भाई से मार न पड़े।


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