निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए-

इस पाठ में लेखक ने नगरीय सभ्यता पर क्या व्यंग्य किया है?

लेखक सर्वेश्वर दयाल सक्सेना ने प्रस्तुत पाठ में नगरीय सभ्यता पर करारा व्यंग्य किया है। उनकी दृष्टि में शहर के लोग धूल मिटृटी में खेलने से वंचित होकर कांच के समान बनावटी गुणों वाले हैं। वे मातृभूमि के असली महत्त्व व गुणों साथ ही उसके प्रेम से अपरचित रह जाते हैं|


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