निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60) शब्दों में लिखिए-

रामन् के प्रारंभिक शोध कार्य को आधुनिक हठयोग क्यों कहा गया है?

व्यक्ति हठयोग में अपने शरीर को असह्य पीड़ा से गुजारता है। रामन् भी कुछ ऐसा ही कर रहे थे। रामन् एक सरकारी नौकरी करते थे। उनका जीवन सरकारी नौकरी में एकदम सुखी और सहजता से चलता था। पूरे दिन अपनी नौकरी करते और फिर उसके बाद बाजार स्थित प्रयोगशाला में वैज्ञानिक शोध करते थे। उन्हें हर प्रकार की सुख-सुविधा प्राप्त हो गई थी लेकिन यह उनका विज्ञान के प्रति प्रेम ही था जिसके कारण कलकत्ता में एक छोटी-सी प्रयोगशाला जहाँ उपकरणों की काफी कमी थी फिर भी वे पूरे मनोयोग से अपने शोधकार्य किया करते थे। इसी लगन एवं कठिन परिश्रम से शोध में उनकी रूचि के कारण रामन् के प्रारंभिक शोधकार्य को आधुनिक हठयोग कहा गया है।


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