स्पर्श भाग 1

Book: स्पर्श भाग 1

Chapter: 5. Vaigyanik Chetna Ke Vaahak Chandrashekhar Venkat Raman

Subject: Hindi - Class 9th

Q. No. 3 of Likhit

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निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-

हमारे पास ऐसी ही ने जाने कितनी चीज़ें बिखरी पड़ी हैं, जो अपने पात्र की तलाश में हैं।

व्यक्ति के विकास का प्रथम सोपान तब होता है जब मस्तिष्क में सवालों का ज्वार उठने लगे| हमारे पास ऐसी अनेक घटनाएँ घटती रहती हैं जिन्हें हम जीवन का एक सामान्य हिस्सा मानकर चलते हैं। परंतु उन्ही चीजों में कोई जिज्ञासु व्यक्ति महत्वपूर्ण वैज्ञानिक रहस्य खोज लेता है। इसी प्रकार रामन् के मन में समुद्र के नीले रंग को लेकर सवाल उठा। ऐसे ही हम अनेक ऐसी चीज़ों से घिरे हुए हैं जिन पर अभी तक कोई भी शोध कार्य नहीं हुआ है। अगर हमारी दृष्टि भी किसी ऐसी ही वस्तु पर पड़े तो हम भी विश्वविख्यात बन सकते हैं और किसी वैज्ञानिक खोज को मूर्त रूप दे सकते हैं|


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