स्पर्श भाग 1

Book: स्पर्श भाग 1

Chapter: 8. Shukrtaare Ke Samaan

Subject: Hindi - Class 9th

Q. No. 3 of Likhit

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निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-

‘अपना परिचय उनके ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में देने में वे गौरवान्वित महसूस करते थे।

महादेव भाई, गांधीजी की प्रतिभा से बहुत प्रभावित थे। वो गांधीजी के मंत्री ही नहीं बल्कि उनके सहयोगी भी थे। वो गांधीजी के हर छोटे-बड़े काम में उनकी मदद करते थे। उनके खाने-पीने से लेकर दैनिक कार्यों में उनका साथ देते थे। इस वजह से वो खुद को गांधीजी का पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर कहते थे। इसी में वे स्वयं को गौरवान्वित महसूस करते थे|


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