गांधीजी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ को पुस्तकालय से लेकर पढ़िए।

सत्य के प्रयोग गांधीजी की आत्मकथा है| इसमें उनके वचपन से लेकर 1921 तक के जीवन के बारे में वर्णन किया गया है| इसे उन्होंने स्वयं लिखा और साप्ताहिक तौर पर यह उनके पत्र नवजीवन में प्रकाशित होती थी| इसमें उन्होंने अपने जीवन की प्रमुख घटनाओं जिन्होंने उनके जीवन एवं सोच को दिशा दी साथ हो जीवन में सीखे गए महत्वपूर्ण पाठों के बारे में गांधीजी ने अपनी आत्मकथा में लिखा है|


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