निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भाँति क्यों नहीं हो पाता?
आपसी लगाव और भरोसा प्रेम को मजबूत बनाते हैं। जिस तरह धागे के टूट जाने पर उसे जोड़ने पर उसमें गांठ आ जाती है, ठीक उसी तरह रिश्ता एक बार टूटने पर पहले जैसा नहीं रहता। रिश्ते बेहद नाजुक होते हैं। यह विश्वास और अपनेपन की बुनियाद पर टिके होते हैं। एक बार अगर किसी रिश्ते में खटास पड़ गई तो उसमें पहले जैसी बात नहीं रह जाती। भले ही वो दुनिया का कोई भी रिश्ता क्यों न हो। कवि इस दोहे में यही समझाने का प्रयास कर रहा है कि रिश्तों में एक बार दरार आने पर वह कभी पहले जैसे नहीं रहते।