‘एक फूल की चाह’ एक कथात्मक कविता है। इसकी कहानी को संक्षेप में लिखिए।
एक फूल की चाह कविता एक पिता एवं पुत्री की दीन दशा पर आधारित है| इसमें एक पिता है और उसकी पुत्री है जसका नाम सुखिया है| वे अछूत समाज से ताल्लुक रखते हैं| सुखिया जब बीमार हो जाती है और अपने पिता से माँ के चरणों में चढ़े हुए फूल की माँग करती है तो उसका पिता मंदिर में जाकर फूल लाता है लेकिन वह तो एक अछूत व्यक्ति है इसलिए पुजारी उसकी इस बात पर गुस्सा हो जाता है| सुखिया का पिता फूल लाने में तो सफल हो जाता है लेकिन ऊँची जाति के लोग उससे गुस्सा हो जाते हैं और उसे उसके इस दुस्साहस के लिए कुछ दिनों की सजा सुना देते हैं| जब सुखिया का पिता सजा काटकर वापस घर लौटता है तो सुखिया का तब तक दाहसंस्कार हो चुका होता है और उसे अपनी बेटी का चेहरा तक देखना नसीब नहीं होता|