संदर्भ-सहित व्याख्या कीजिएः

क) अपने पतझर के सपनों का


मैं भी जग को गीत सुनाता


ख) गाता शुक जब किरण बसंती


छूती अंग पर्ण में छनकर


ग) हुई न क्यों मैं कड़ी गीत की


बिधना यों मन में गुनती है

) इन पंक्तियों के माध्यम से गुलाब की व्यथा का वर्णन किया गया है गुलाब कहते है कि अगर मुझे भी आवाज दी होती है तो मैं भी पतझड़ के सपनों का गीत संसार को सुनाता| यहाँ गुलाब के पास आवाज न होने के कारण उसके अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त न कर पाने के बारे में बताया गया है|


) कवि कहता है कि प्रकृत्ति का असर पशु पक्षियों पर भी पड़ता है। जब सूर्य की किरणें पत्तों से छनकर तोते पर पड़ती है तो वह प्रसन्न होकर गाने लगता है। उसका गीत सुनकर मादा तोता भी गाना चाहती है। लेकिन उसका गीत सिर्फ प्यार में खोकर रह जाता है।


) इन पंक्तियों में कवि प्रेमिका के मन की पीड़ा को बयां कर रहा है। जब प्रेमी प्रकृत्ति को देख खुश होता है तो वो गीत गाने लगता है। उसकी आवाज प्रेमिका के कानों में पड़ती है तो वो उसके पास जा पहुंचती है। वो छुपकर अपने प्रियतम को गाते हुए सुनती है फिर वो सोचती है कि मैं इस गीत में क्यों शामिल नहीं हो पाई।


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