स्पर्श भाग 1

Book: स्पर्श भाग 1

Chapter: 15. Naye Ilaake Mein-Khushbu Rachte Hain Haath

Subject: Hindi - Class 9th

Q. No. 2 of Naye Ilaake Mein

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व्याख्या कीजिए-

क) यहाँ स्मृति का भरोसा नहीं


एक ही दिन में पुरानी पड़ जाती है दुनिया


ख) समय बहुत कम है तुम्हारे पास


आ चला पानी ढहा आ रहा अकास


शायद पुकार ने कोई पहचाना ऊपर से देखकर

) रोज बदलती दुनिया में कवि को अपनी याददाश्त पर भरोसा नहीं होता। रोज ही नए मोहल्ले बस रहे हैं। एक दिन में पूरी दुनिया बदल जाती है। कवि ने जो रास्ते याद किए थे उस पर अब नए मकान खड़े हो गए हैं। कवि को वो निशानियां ढूंढने में मुश्किल हो रही थी जिनके सहारे वो घर तक पहुंचता। उसे दिशा भ्रम हो गया। ऐसे में उसे अपनी याददाश्त पर शक होने लगा।


) रास्ता ढूंढते-ढूंढते शाम हो चली है। रोज उन गलियों में घूमने वाले कवि को लगता है कि ये दुनिया नई है। उसे ढहा हुआ घर, खाली जमीन और बिना रंग वाला फाटक जैसी निशानियां नजर नहीं आ रही हैं। ऐसा लग रहा है जैसे वहां बहुत दिन बाद लौटा हो, शाम ढल रही है, समय कम है। बारिश भी होने वाली है। अब कवि को लग रहा है कि काश! कोई उसे पहचान ले और पुकारे और उसे सही


पते तक पहुँचा दे|


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