क्या बच्चों ने उचित निर्णय लिया कि अब चाहे कुछ भी हो जाए, हिलकर पानी भी नहीं पिएँगे।

कहानी के अंत में बच्चों ने घर का कोई काम न करने का फैसला किया। उन्होंने फैसला किया कि अब चाहे कुछ भी हो जाए वो अपनी जगह से उठकर पानी तक नहीं पिएंगे। बच्चों के इस फैसले का बिल्कुल समर्थन नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे उनके अंदर आलस्य और कामचोरी का भाव पनपने लगेगा। नौकरों पर पूरी तरह आश्रित होने के कई नकारात्मक परिणाम भी होते हैं। इससे न सिर्फ वे अपना जीवन नष्ट कर लेंगे बल्कि आगे चलकर माता-पिता, परिवार और समाज पर भी बोझ बन जाएंगे। बच्चों के व्यवहार में कामचोरी आने से उनका भविष्य भी अंधकार में चला जाएगा।


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