तुम्हारी बात

मौल-भाव करके लाया हूँ


ठोक-बाजकर देख लिया।”


अगर तुम्हें अपने लिए कोई खिलौना खरीदना हो तो तुम कौन-कौन सी बातें ध्यान में


रखोगे?


बाजार जाने पर हमेशा मेरी नजर खिलौने वाली कार पर रहती है। मैंने बहुत सी कारों को अपने घर पर इकठ्ठा किया हुआ है| जब भी कार खरीदने जाता हूं तो सबसे पहले उसकी कीमत पूछता हूं। फिर उसे हाथ में लेकर देखता हूं कि कहीं कुछ टूटा तो नहीं है। कार ठीक से चल रही है या नहीं। उसका कोई स्क्रू तो नहीं ढीला है। कार में नए जैसी चमक है या नहीं। कभी कभी दुकानदार पुरानी चीजें भी महंगे दामों पर दे देते हैं। इसके अलावा ये भी देखता हूं कि कार की प्लास्टिक अच्छी है या नहीं। गिरने पर टूटेगी तो नहीं। कार पसंद आने के बाद ही उसपर मोल भाव करता हूं। 100 रुपये की चीज को 80 रुपये के दाम में तुड़वा लेता हूं।


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