Listen NCERT Audio Books - Kitabein Ab Bolengi
पाठ से
“किसी को सचमुच बाहर निकालना हो तो उसका घर तोड़ देना चाहिए,” पिताजी ने गुस्से मे ऐसा क्यो कहा? क्या पिताजी के इस कथन से माँ सहमत थी? क्या तुम सहमत हो? अगर नहीं तो क्यों?
दो गौरैयों ने घर के पंखे के ऊपर अपना घोसला बना लिया था। पिता जी के लाख भगाने के बावजूद वे हर रोज वहीं आकर बैठ जाती थीं। फिर एक दिन पिता जी ने ठानी कि अब गौरैयों का घोसला ही तोड़ देना चाहिए। इस पर पिता जी ने ये भी कहा कि अगर सच में किसी को बाहर निकालना हो तो उसका घर ही तोड़ दो। पिता जी के इस कथन से मां बिल्कुल सहमत नहीं थी। इसलिए वह बार बार पिता जी घोसला तोड़ने के लिए मना कर रही थीं। किसी का भी घर तोड़ना अच्छी बात नहीं है। मैं भी पिता जी के घोसला तोड़ने की बात से सहमत नहीं है। जिस तरह हमारा घर टूटने पर हमें बुरा लगेगा| उसी प्रकार गौरैया भी अपना घरौंदा टूटते हुए देख दुखी हो जाएंगी।