दूर्वा भाग 3

Book: दूर्वा भाग 3

Chapter: 3. Chitthiyon Mein Europe

Subject: Hindi - Class 8th

Q. No. 2 of Exercise

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पत्र से आगे

भारतीय खाने की कुछ चीजें जैसे- चावल, सेवइयाँ, मिठाईयाँ यूरोप में अलग ढंग से खाई जाती हैं। क्या भारत में ये चीज़ें अलग-अलग ढंग/तरीकों से बनाई और खाई जाती हैं? पात करो और बताओ।


भारत में खाने-पीने का ढंग यूरोप से बिल्कुल अलग है। यहां पर वही चावल दाल और सब्जी के साथ खायी जाती है। चिल्ले में किसी बेरी का गूदा नहीं भरा जाता है बल्कि इसे एक मीठे पकवान के रुप में खाया जाता है। वहीं सेवइयों को सूप के स्थान पर इसको खीर के रुप में खाया जाता है। साथ ही भारत में दही या योगर्ट को भोजन के बाद या ऐसे भी अधिकतर इसके वास्तविक रुप में ही खाया जाता है।


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इकट्ठा करने का शौक

इसी पुस्तक के किसी पाठ में है कि कुछ लोगों को कोई खास वस्तु इकट्ठा करने का शौक होता है। कुछ लोग गुडिया, पस्तकें, चित्र तो कुछ लोग डाक-टिकट इकट्ठे करते हैं।


i. यदि तुम्हें भी कोई चीज़ इकट्ठा करने का शौक है तो उसके बारे में अपने साथियों को बताओ।


ii. अपने या अपने किसी परिचित के बारे में लिखो जो इस तरह की चीज़े इकट्ठा करता हो। तुम इन चीज़ो के बारे में लिख सकते हो-


क) उन्हें कौन-सी चीज़ इकट्ठा करने का शौक है?


ख) वे इन्हें कहाँ-कहाँ से इकट्ठा करते हैं?


ग) उनके इस शौक की शुरुआत कैसे हुई?


घ) वे इकट्ठी गी गई चीज़ो को कैसे सँभालकर रखते हैं?


ङ) इन चीज़ो को इकट्ठा करने और रखने में कौन कौन सी समस्याएँ होती हैं?