दूर्वा भाग 3

Book: दूर्वा भाग 3

Chapter: 6. Saagar Yatraa

Subject: Hindi - Class 8th

Q. No. 10 of Exercise

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10

हिम्मतवाले

“हम सब इस अभियान के खतरों को जानते थे, हमें यह भी ज्ञात था कि शायद हम कभी वापस ने लौट सकें।”


वे दस नाविक इतनी खतरनाक यात्रा के लिए क्यों निकले होगे? आपस में चर्चा करो।


वह दस नाविक विश्व में अपने देश का नाम ऊँचा करना चाहते थे| उनके भीतर अपने देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज़्बा था। वे चाहते थे कि ‘तृष्णा’ नामक भारतीय जहाज की विश्व में ख्याति हो। उनके देश के प्रति प्रेम और समर्पण ने उन्हें हिम्मत और साहस प्रदान किया और वे इस खतरनाक यात्रा के लिए आगे बढ़े।


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12

छोटे-छोटे

“जो लोग चौकसी से हटते, वे अपने कपड़े बदलते, खाना खाते, पढ़ते, रेडियो सुनते और अपनी ड्यूटी के अन्य कार्य जैसे रेडियो की जाँच, इंजन की जाँच तथा व्यंजन सूची के अनुसार भोजन बनाने के लिए राशन देने का काम निबटाते।”


इस वाक्य को कई छोटे-छोटे वाक्यों के रूप में भी लिखा जा सकता है जैसे-


जो लोग चौकसी से हटते, वे अपने कपड़े बदलते। वे खाना खाते, पढ़ते और रेडियो सुनते। वे अपनी ड्यूटी के अन्य कार्य करते जैसे रेडियो की जाँच और इंजन की जाँच। वे व्यंजन सूची के अनुसार भोजन बनाने के लिए राशन देने का काम निबटाते।


तुम इसी प्रकार नीचे लिखे राशन देने का काम निबटाते।


तुम इसी प्रकार नीचे लिखे वाक्य को छोटे-छोटे वाक्यों में बदलो-


प्रथम भारतीय नौका अभियान दल विश्व की परिक्रमा करके 54, 000 किलोमीटर की दूरी मापकर 470 दिन की ऐतिहासिक यात्रा के बाद 10 जनवरी, 1987 को 6.00 बजे मुंबई बंदरगाह पहुँचा।