खोए हुए मोज़े की कहानी

तेज हवाओं के कारण कभी-कभी उन नाविकों के कपड़े उड़/खो जाते थे। मान लो, ऐसा ही एक मौज़ा तुम्हें अपनी कहानी सुनाना चाहता है। वह क्या-क्या बातें बताएगा, कल्पना से उसकी कहानी पूरी करो-


मैं एक मौज़ा हूँ। वैसे तो मैं हमेशा अपने भाई के साथ रहता हूँ।


...................................................................................


...................................................................................


.....................................................................................


मैं एक मौज़ा हूँ। वैसे तो मैं हमेशा अपने भाई के साथ रहता हूँ। परन्तु कभी कभी मनुष्यों की लापरवाही का शिकार भी हो जाता हूँ और मुझे अपने भाई से दूर कर दिया जाता है| लोग मुझे बिना नहलाये कई दिनों तक उपयोग करते रहते है इससे मुझे गन्दी बदबू का भी सामना करना पड़ता है। धोकर सुखाते समय ध्यान रखा जाता है कि मैं अपने भाई के साथ ही रहूँ। परन्तु एक दिन मुझे धोने के लिए मशीन में डाला गया। धुल तो गया पर बाहर नहीं निकल पाया। मेरा भाई मुझसे बिछड़ कर बाहर सूखने चला गया। मैं परेशान हो गया, अब मेरा क्या होगा, मेरे भाई का क्या होगा? तभी 1 घंटे बाद मालकिन ने मशीन साफ़ की तो मुझे पाया और बड़बड़ाती हुई मुझे भी सुखाने चली गई। मैं सूखता रहा परन्तु किसी ने नहीं उठाया। 2 दिन बाद किसी ने मुझे उठाया और फिर गंदा होने पर कूड़े के ढेर में डाल दिया गया। मैं अपने भाई से अलग हो गया और आँसू बहाता कूड़े के ढेर में पड़ा हूँ।


1