याद करना

“60 साल की बात करने से पहले मैं कुछ साल और पीछे जाना चाहता हूँ। लाहौर को याद करना चाहता हूँ।


ऊपर के वाक्यों को पढ़ो और बताओ कि-


) लेखक 60 साल की बात करने के लिए क्या करना चाहता है?


) तुम्हें अगर अपनी तीन साल के हिंदी सीखने की बात को कहने का कहा जाए तो उसके लिए क्या-क्या करोगे?


) क्या पिछली किसी बात को याद करने के लिए बार-बार रटना जरूरी होता है या सोच-समझ के साथ उस पर चर्चा, विचार और उसका आवश्कतानुसार व्यवहार करना जरूरी होता है? तुम्हें जो भी उचित लगे उसे कारण सहित बताओ।


) लेखक 60 साल की बात करने से पहले कुछ साल पीछे देखना चाहता है। इस दौरान वह लाहौर को याद करता है जब किसी जमाने में वह बैडमिंटन प्लेयर हुआ करता था, लेकिन स्कूल में ध्यानचंद को हॉकी खेलते देख वह इतना प्रभावित हुआ कि खुद ने भी मन ही मन हॉकी खेलने का निश्चय कर लिया। आगे चलकर वह एक सफल हॉकी प्लेयर बना और भारत को पहली बार इंग्लैंड की सरजमीं पर जीत दिलाई।

) हिंदी सीखने के लिए सर्वप्रथम अक्षरों का ज्ञान होना आवश्यक है। फिर उसकी व्याकरण और उसके बाद उससे बोलने और लिखने के तरीकों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इसके लिए हमें लगातार अभ्यास भी करना होगा। भाषा के मूल रूप को समझने के लिए हमें अच्छी किताबें और बेहतर विषयों का अध्ययन करना होगा।


) पिछली किसी बात को याद करने के लिए बार-बार रटने की बजाये उसे सोच-समझकर ग्रहण करना ज्यादा बेहतर विकल्प है। इस पर विचार-विमर्श करने से हमें निश्चित ही हल तो मिलेगा ही, साथ ही हमारी बौद्धिक शक्ति का भी विकास होगा। किसी भी विषय के बारे में रटने से बेहतर होगा कि आप उसके संदर्भ को समझने का प्रयास करें। इससे आप भविष्य में सामने आने वाली कड़ियों को भी बेहतर तरीके से सुलझा पाएंगे।


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