दूर्वा भाग 3

Book: दूर्वा भाग 3

Chapter: 13. Anyaay Ke Khilaaaf

Subject: Hindi - Class 8th

Q. No. 1 of Exercise

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पाठ से

अंग्रेजों से लड़ने के लिए कोया आदिवासी क्या-क्या करते थे?


श्रीराम राजू के समझाने पर कोया आदिवासियों ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंक दिया। भद्राचलम से परवथीपुरम तक पूरे इलाके आदिवासी अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए कूद पड़े। जब संकरी पगडंडियों से सेना की टुकड़ी गुजर रही होती तो जंगलों में छिपे आदिवासी अंग्रेज सारजेंट और कमांडर पर अचूक निशाना लगाते। राजू ने एक कोने से दूसरे कोने तक गुप्त संदेश पहुंचाने के लिए जाल बिछा रखा था। जंगलों में आदिवासी बड़ी तेजी से छिपते फिरते। गांव के लोग भी उनका सहयोग करते और उन्हें छिपने के लिए जगह देते। वे अंग्रेजों को मारकर उनके हथियार छीन लेते थे।


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खोजबीन

“लोगों की बंदूकों के कारतूस खत्म हो गए।”


ऊपर का यह वाक्य इसी पाठ का है जिसमें आदिवासियों के द्वारा बंदूकों व कारतूसो के प्रयोग का भी प्रमाण मिलता है। इस पाठ की खोज़बीन करो तो पाओगे कि आदिवासी “पुलिस चौंकियों या सेना पर हमला कर दते थे और उनके अस्त्र-शस्त्र लूटकर भाग जाते थे।” अब तुम ज़रूर समझ गए होंगे कि आदिवासियों ने बंदूकों व कारतूसों का प्रयोग कैसे किया। ‘कारतूसों’ ने सन् 1857 में स्वतंत्रता की चिंगारी को फैलाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। समूह बनाकर इसके बारे में खोज़बीन करो। कक्षा के प्रत्येक समूह में से एक प्रतिनिथि सबको अपनी खोज़बीन के बारे में बताएगा।