दूर्वा भाग 3

Book: दूर्वा भाग 3

Chapter: 13. Anyaay Ke Khilaaaf

Subject: Hindi - Class 8th

Q. No. 3 of Exercise

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देशभक्तों के नाम

तुमने इस पाठ में भारत की आज़ादी के लिए संघर्ष करने वाले दो व्यक्तियों के नामों को जाना। एक गाँधी जी और दूसरा श्रीराम राजू। पता करो कि भारत की आज़ादी के लिए संघर्ष करने वालों में तुम्हारे प्रदेश से कौन-कौन व्यक्ति थे। उनमें से किसी एक के बारे में कक्षा में चर्चा करो।


गांधीजी और श्रीराम राजू के अलावा भारत को अंग्रेजों से आजाद कराने में और भी कई स्वतंत्रता सेनानियों ने संघर्ष किया था। इनके नाम निम्नलिखित हैं।

भगत सिंह,


सुखदेव,


राजगुरु,


सुभाष चंद्र बोस,


चंद्रशेखर आजाद,


बाल गंगाधर तिलक,


विनय बसु,


योगेन्द्र शुक्ल,


श्यामजी कृष्ण वर्मा,


राम प्रसाद बिस्मिल,


तोताराम सनाढ्य,


पंडित तेजसिंह तिवारी,


लाल बहादुर शास्त्री आदि।


सुभाष चंद्र बोस- भारत को आजादी दिलाने में नेता जी सुभाष चंद्र बोस का बहुत बड़ा हाथ था। अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के लिए उन्होंने आजाद हिंद फौज का गठन किया था। उन्होंने ही जय हिंद का नारा दिया था जो अब राष्ट्रीय नारा बन गया है। इसके अलावा बोस ने तुम मुझे खून दो और मैं तुम्हें आजादी दूंगा का नारा दिया था। भारत को आजाद कराने में नेताजी ने जापान, जर्मनी, कोरिया, चीन, इटली, मान्चुको और आयरलैंड से सहायता ली थी। 1944 में नेताजी की आजाद हिंद फौज ने अंग्रेजों पर आक्रमण किया था। जिससे कुछ भारतीय प्रदेशों को अंग्रेजों की कैद से आजाद भी करा लिया गया था| ये युद्ध 4 अप्रैल से 22 जून तक लड़ा गया था। नेताजी की मृत्यु को लेकर आज भी विवाद है। देशभर में 18 अगस्त को उनका शहीद दिवस मनाया जाता है।


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खोजबीन

“लोगों की बंदूकों के कारतूस खत्म हो गए।”


ऊपर का यह वाक्य इसी पाठ का है जिसमें आदिवासियों के द्वारा बंदूकों व कारतूसो के प्रयोग का भी प्रमाण मिलता है। इस पाठ की खोज़बीन करो तो पाओगे कि आदिवासी “पुलिस चौंकियों या सेना पर हमला कर दते थे और उनके अस्त्र-शस्त्र लूटकर भाग जाते थे।” अब तुम ज़रूर समझ गए होंगे कि आदिवासियों ने बंदूकों व कारतूसों का प्रयोग कैसे किया। ‘कारतूसों’ ने सन् 1857 में स्वतंत्रता की चिंगारी को फैलाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। समूह बनाकर इसके बारे में खोज़बीन करो। कक्षा के प्रत्येक समूह में से एक प्रतिनिथि सबको अपनी खोज़बीन के बारे में बताएगा।