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रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण क्यों हो आया?
रोहिणी ने जब मुरलीवाले की आवाज सुनी तो उसे खिलौनेवाले का स्मरण हो गया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि खिलौनेवाले और मुरलीवाले के बोलने का तरीका बिल्कुल एक जैसा था। वही मादक और मधुर स्वर में उसने कहा था- बच्चों को बहलानेवाला, मुरलियावाला। जब वह खिलौने बेचने आया था तो रोहिणी को ये सोचकर अचंभा हुआ था कि वो इतने सस्ते में खिलौने क्यों दे रहा है। ये बात उसके मन में 6 महीने पहले आई थी। जब उसने मुरलीवाले की आवाज सुनी तो उसे सबकुछ फिर से याद आ गया। इसके अलावा मुरलीवाले और खिलौनेवाला का रंग-रूप भी एक जैसा था। वही सफेद कुर्ता और रंगीन साफा।