अब इस बार ये पैसे न लूँगा-’ कहानी के अंत में मिठाईवाले ने ऐसा क्यों कहा?

रोहिणी और दादी ने पहले उससे मिठाई ली। रोहिणी के मन में बहुत दिन से ये सवाल चल रहा था कि आखिर ये मिठाईवाला कौन है और इतने कम पैसे में सामान क्यों देता है। मिठाई लेते वक्त रोहिणी ने उससे पूछ ही लिया कि पहली बार यहां आए हो या और भी कभी आए थे। इसके बाद तो मिठाईवाले अपनी पूरी जीवन कहानी उनके सामने रख दी। उसने बताया कि वो अपने नगर का प्रतिष्ठित व्यक्ति था। उसकी पत्नी और दो बच्चे थे लेकिन अब वो नहीं रहे। उसका जीवन उजड़ चुका था। उसने यह व्यवसाय इसलिए शुरू किया क्योंकि वो दूसरों के बच्चों में अपने बच्चों की छवि देखता था। मिठाईवाले से ये सब बातें किसी ने नहीं पूछी थी। ये सब बातें किसी ने मिठाईवाले से नहीं पूछी थी। रोहिणी और दादी का प्यार और हमदर्दी को देख मिठाईवाले ने उनसे पैसे लेने को इंकार कर दिया।


1