इस कहानी में रोहिणी चिक के पीछे से बात करती है। क्या आज भी औरतें चिक के पीछे से बात करती हैं? यदि करती हैं तो क्यों? आपकी राय में क्या यह सही है?

भारत को पुरुष प्रधान देश कहा जाता है। ऐसे में हमेशा महिलाओं को मर्दों के सामने आने की इजाजत नहीं होती है। शहरों ने महिलाओं की पर्दा प्रथा जैसी कुरीतियों पर काफी हद तक काबू पा लिया है। लेकिन गांवों ये परंपरा आज भी कायम है। महिलाएं पराए पुरुषों के सामने नहीं आती हैं। अगर उन्हें कुछ बात करनी भी होती है तो वो चिक या दरवाजे के पीछे खड़ी होकर कर लेती हैं। महिलाओं को पराए पुरुषों के सामने ना आने देने के पीछे समाज के लोगों की दो वजहें होती हैं। पहली ये कि उन्हें दूसरों की बुरी नजर से बचाया जा सके। आज मनुष्य दूसरे मनुष्य पर भरोसा नहीं करता। ऐसे में महिलाओं को उनसे दूर रहने की हिदायत दी जाती है। परिवारवालों को अपने घर की बहू बेटियों की सुरक्षा की चिंता होती है। इसलिए भी वे महिलाओं को घर के अंदर रहने को कहते हैं।

मेरे हिसाब से ये प्रथा ठीक नहीं हैं। पुरुषों की भांति महिलाएं भी अपना अच्छा बुरा समझती हैं। उन्हें घर से बाहर निकलने की आजादी दी जानी चाहिए। जिससे वो मुश्किल वक्त में खुद ही उससे निपट सकें।


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