Listen NCERT Audio Books - Kitabein Ab Bolengi
आपके माता-पिता के जमाने से लेकर अब तक फेरीवाले की आवाजों में कैसा बदलाव आया हैं? बड़ो से पूछकर लिखिए।
मेरे माता पिता ने बताया कि उनके जमाने फेरीवालों के पास को ठेला या गाड़ी नहीं होती थी। वो अपना सामान पीठ या सिर पर रखकर लाते थे। वो करीब 10 किमी चलकर पैदल आने के बाद वो घर घर जाकर सामान दिखाते थे। मोल तोल करते थे। दिन भर गांव में घूम घूमकर सामान बेचते थे और फिर शाम को अपने घर की ओर निकल जाते थे। तब फेरीवालों की आवाज बड़ी सुरीली होती थी। लोग उनकी आवाज सुनकर मोहित होते और सामान खरीदते थे। फेरीवाले बहुत प्यार से बात करते थे। वहीं अब फेरीवालों की आवाज में वो मधुरता नहीं रहती है। बस वो दूर से आवाज लगाते सुनाई पड़ते हैं। साथ ही कारों में लाउड स्पीकर लगाकर भी अपना सामान बेचते हैं।