पाठ को पढ़ते हुए आपका ध्यान कई तरह के विराम चिह्नों की ओर गया होगा। अगले पृष्ठ पर दिए गए अंश से विराम चिह्नों को हटा दिया गया है। ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा उपयुक्त चिह्न लगाइए-
मुझ पर भी एक रात आसमान से गड़गड़ाती बिजली आकर पड़ी थी अरे बाप रे वो बिजली थी या आफत याद आते ही अब भी दिल धक-धक करने लगता है और बिजली जहां गिरी थी वहां खड्डा कितना गहरा पड़ गया था खंभे महाराज अब जब कभी बारिश होती है तो मुझे उस रात की याद हो आती है, अंग थरथर कांपने लगते हैं।
मुझ पर भी एक रात आसमान से गड़गड़ाती बिजली आकर पड़ी थी। अरे बाप रे! वो बिजली थी या आफत! याद करते ही अब भी दिल धक-धक करने लगता है और जहाँ बिजली गिरी थी, वहां खड्डा कितना गहरा पड़ गया था। खंभे महाराज! अब जब भी बारिश होती है तो मुझे उस रात की याद हो आती है। अंग थरथर कांपने लगते हैं।