खानपान के मामले में स्थानीयता का क्या अर्थ है?
खानपान में स्थानीयता का मतलब होता है कि एक ही राज्य या जगह पर खाए या खिलाए जाने वाले व्यंजन। जैसे गुजरात में ढोकला, गाठिया, घेवर, फाफड़ा और खांडवी आदि मशहूर है। वहीं दक्षिण भारत इडली-डोसा, वड़ा-सांभर, रसम आदि के स्थानीय पकवान के लिए मशहूर है। खानपान की इस बदलती संस्कृति से नई पीढ़ी बहुत प्रभावित हुई है। स्थानीय व्यंजन अब सीमित रह गए हैं।