‘इस आनंदोत्सव की रागिनी में बेमेल स्वर कैसे बज उठा’- वाक्य किस घटना की ओर संकेत कर रहा है?
यह वाक्य उस घटना की ओर संकेत करता है, जब लेखिका बड़े मिया की चिड़ियाघर वाली दुकान पर गई। वहां टूटे पंजे वाली मोरनी को देखकर उसका दिल पसीज गया। वह दुकानदार के कहने पर उसे घर ले आई। इस मोरनी का नाम लेखिका ने कुब्जा रखा था। कुब्जा को नीलकंठ और राधा का साथ बिल्कुल भी पसंद नहीं था। कुब्जा के आने से नीलकंठ और राधा की जिंदगी में उथल-पुथल मच गई। यहां तक कि आखिर में नीलकंठ की मौत भी हो गई।