Listen NCERT Audio Books - Kitabein Ab Bolengi
कविता में दो शब्दों के मध्य (-) का प्रयोग किया गया है, जैसे- ‘जिससे उथल-पुथल मच जाए’ एवं ‘कण-कण में है व्याप्त वही स्वर’। इन पंक्तियों को पढि़ए और अनुमान लगाइए कि कवि ऐसा प्रयोग क्यों करते हैं?
कविता में उथल—पुथल, कण—कण, क्षुब्ध—युद्ध, भ्रू—विलास आदि कई ऐसे शब्दों का इस्तेमाल हुआ है जिसके मध्य में (-) का इस्तेमाल हुआ है। हिंदी के कुछ शब्दों को साथ में ही बोला जाता है। अगर एक ही शब्द का प्रयोग करेंगे तो वो अधूरा लगेगा और कवि उस शब्द के माध्यम से जो भी कहना चाहता है वो कह भी नहीं पायेगा| जैसे उथल, पुथल के बिना अधूरा सा लगता है। तभी लोग उसका सही अर्थ समझ पाते हैं। साथ ही ऐसे शब्दों से पता चलता है कि कवि को हिंदी भाषा का अच्छा ज्ञान है। इन शब्दों के इस्तेमाल से कविता हिंदी के अनुसार मजबूत मानी जाती है और हम अपनी बात को भी प्रभावी ढंग से कह पाते हैं|