लगभग हर जगह दुनिया की शुरूआत को समझती हुई कहानियाँ प्रचलित हैं। तुम्हारे यहाँ कौन-सी कहानी प्रचलित है?

दुनिया की शुरूआत को समझाती हुई हमारे यहाँ यह कहानी प्रचलित है कि पृथ्वी पर एक बार भयंकर प्रलय आया। इस प्रलय की वजह से पृथ्वी पर सबकुछ तबाह हो गया। पृथ्वी पर प्रत्येक बस्तु नष्ट हो गई, जीव-जंतु ख़त्म हो गए| कोई भी जीव जंतु नहीं बचा। चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी था। उस समय सिर्फ ऋषि मुनियों का अस्तित्व था वह भी इसलिए क्योंकि वह हिमालय के पास यज्ञ कर रहे थे। तभी गंधर्व कन्या सतरूप घर से बाहर आईं। गंधर्व कन्या को चारों ओर पानी ही पानी दिखाई दिया। चारों तरफ इस तरह के हालात देखकर गंधर्व कन्या को अहसास हुआ कि अब यहां पर जीवन बचा नहीं है। तभी उसने देखा कि हिमालय की ओर से धुंआ उठ रहा है। जब सतरूपा ने पास जाकर देखा तो ऋषि यज्ञ कर रहे थे। प्रलय के बाद अकेले बचे दुखी ट्टषि को छोड़कर सतरूपा वापस नहीं गई। मनु और सतरूपा से उत्पन्न बच्चों को मनुज कहा जाने लगा। इस तरह दुनिया की एक नई शुरूआत हुई।


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