Listen NCERT Audio Books - Kitabein Ab Bolengi
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
कबीर की उद्धृत साखियों की भाषा की विशेषता स्पष्ट कीजिए ।
कबीर की साखियाँ अवधी भाषा की स्थानीय तथा सधुक्कड़ी बोली में लिखी गई है। इसमें अवधी, ब्रज, खड़ी बोली, पूर्वी हिंदी तथा पंजाबी के शब्दों का सुंदर प्रयोग हुआ है। कबीर की भाषा में देशज शब्दों का भी प्रयोग मिलता है। ऐसी बोली बनारस के आसपास के इलाकों में बोली जाती है। यह भाषा आम लोगों के बोलचाल की भाषा हुआ करती थी। कबीर ने अपनी साखियों में रोजमर्रा की वस्तुओं को उपमा के तौर पर इस्तेमाल किया है। अन्य शब्दों में कहा जाए तो कबीर की भाषा ठेठ है। इस तरह की भाषा किसी भी ज्ञान को जनमानस तक पहुँचाने के लिए अत्यंत कारगर हुआ करती थी। कबीर ने अपनी रचना को दोहों के रूप में लिखा है। एक दोहे में दो पंक्तियाँ होती हैं। इसलिए गूढ़ से गूढ़ बात को भी बड़ी सरलता से कम शब्दों में कहा जा सकता है।