Listen NCERT Audio Books - Kitabein Ab Bolengi
निम्नलिखित पंक्तियों का काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
बूढ़तो गजराज राखो, काटी कुण्जर पीर।
दासी मीराँ लाल गिरधर, हरो म्हारी भीर।
भाव पक्ष- इन पंक्तियों में मीरा ने कृष्ण से अपने दुख दूर करने की प्रार्थना की है। हे भक्त वत्सल जैसे डूबते गजराज को बचाया और उसकी रक्षा की वैसे ही आपकी दासी मीरा प्रार्थना करती है कि उसकी पीड़ा दूर करो। इसमें दास्य भक्तिरस है। भाषा ब्रज मिश्रित राजस्थानी है। अनुप्रास अलंकार है। भाषा सरल तथा सहज है।
कला पक्ष- इस पंक्तियों में राजस्थानी, गुजराती व ब्रज भाषा का प्रयोग किया गया है। भाषा अत्यंत सहस व सुबोध है। तत्सम और तद्भव शब्दों का सुंदर मिश्रण है। दास्यभाव तथा शांत रस की प्रधानता है। भाषा में प्रभावात्मकता और संगीतात्मकता का गुण विद्यमान है। सरल शब्दों में भावनाओं की सुंदर अभिव्यक्ति हुई है तथा दृष्टांत अलंकार का प्रयोग किया गया है। ‘काटी कुण्जर’ में अनुप्रास अलंकार है।