Listen NCERT Audio Books - Kitabein Ab Bolengi
बिहारी कवि के विषय में जानकारी एकत्रित कीजिए और परियोजना पुस्तिका में लगाइए ।
बिहारी का जन्म 1595 में ग्वालियर में हुआ था। जब बिहारी सात-आठ साल के थे तभी इनके पिता ओरछा चले आए जहाँ बिहारी ने आचार्य केशव दास से काव्य शिक्षा पाई। यहीं बिहारी रहीम के संपर्क में आए। बिहारी रसिक जीव थे पर इनकी रसिकता नागरिक जीवन की रसिकता थी। उनका स्वभाव विनोदी और व्यंगप्रिय था। लोक ज्ञान और शास्त्र ज्ञान के साथ ही बिहारी का काव्य ज्ञान भी अच्छा था। रीति का उन्हें भरपूर ज्ञान था। इनके द्वारा लिखा गया काव्य वर्ण्य श्रृंगार रस में लिखा गया है| इनकी कविता श्रृंगार रस की है इसलिए नायक, नायिका की वे चेष्टाएँ जिन्हें हाव कहते हैं, इनमें पर्याप्त मात्रा में मिलती हैं। बिहारी की भाषा बहुत कुछ शुद्ध ब्रज है पर है वह साहित्यिक। इनकी भाषा में पूर्वी प्रयोग भी मिलता है। बुंदेलखंड में अधिक दिनों तक रहने के कारण बुंदेलखंडी शब्दों का प्रयोग मिलना भी स्वाभाविक है। बिहारी नगरीय जीवन से परिचित कवि हैं। 1663 में इनका देहावसान हो गया। बिहारी की एक ही रचना ‘सतसई’ उपलब्ध है जिसमें उनके लगभग 700 दोहे संगृहीत हैं।