स्पर्श भाग 2

Book: स्पर्श भाग 2

Chapter: 4. Mathilisharan Gupt - Manushyata

Subject: Hindi - Class 10th

Q. No. 1 of Exercise

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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

व्यक्ति को किस प्रकार का जीवन व्यतीत करना चाहिए? इस कविता के आधार पर लिखिए।

कवि कहते है कि व्यक्ति को सदैव परोपकार तथा उदारता दिखाते हुए संपूर्ण संसार को प्रेम तथा करुणा से एवं मानवता / मनुष्यता को सर्वोपरि मानते हुए जीवन व्यतीत करना चाहिए। स्वार्थपूर्ण जीवन व्यतीत करना पशुप्रवृत्ति होती है जो मनुष्य का स्वभाव नहीं होता है। मनुष्य को अपने अंदर की उदारता, त्यागशीलता, भाईचारा जैसे गुणों को विकसित करना चाहिए ताकि संसार का सहित हो। दूसरों की भलाई के लिए यदि सर्वस्व त्याग करना पड़े तो उसके लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए एवं अहंकार वृत्ति का परित्याग करके अपने अंदर की घृणा तथा द्वेष को समाप्त करना चाहिए। उसे थोड़े तुच्छ सुख-साधन, धन संपत्ति पर घमंड नहीं करना चाहिए। निरंतर कर्मशील रहते हुए आगे बढ़ते रहना चाहिए। मनुष्य को ऐसा जीवन व्यतीत करना चाहिए कि लोग उसकी मृत्यु के पश्चात भी उसके सद्गुणों, त्याग, बलिदान को हजारों सालों तक याद करें। वह यश रूपी शरीर से सदैव अमर बना रहे। मनुष्य को केवल अपने लिए नहीं अपितु संपूर्ण संसार के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने को तत्पर रहना चाहिए।


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