Listen NCERT Audio Books - Kitabein Ab Bolengi
निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
चलो अभीष्ट मार्ग में सहर्ष खेलते हुए,
विपत्ति, विघ्न जो पड़े उन्हें ढकेलते हुए।
घटे न हेलमेल हाँ, बढ़े न भिन्नता कभी,
अतर्क एक पंथ के सतर्क पंथ हों सभी।
कवि कहता है कि सभी मनुष्य एक होकर इच्छित मार्ग पर खुशी खुशी आगे बढ़ते रहें। रास्ते में आने वाली अनेक कठिनाइयों और बाधाओं को सब मिलकर दूर करें। एक होकर चलते हुए मेलजोल में कमी नहीं आनी चाहिए , साथ ही विचारों में अनेकता न बढ़े। सभी मनुष्य तर्क रहित होकर एक ही मार्ग पर सावधानीपूर्वक चलते रहे। उन में किसी प्रकार का मनमुटाव पैदा ना हो। कवि का मानना है कि जो दूसरों की भलाई करते हैं उनकी भलाई अपने आप हो जाती है। वास्तव में सच्चा मनुष्य वही है जो दूसरों की भलाई के लिए अपने प्राणों का बलिदान कर दे।