Listen NCERT Audio Books - Kitabein Ab Bolengi
निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
यों जलद-यान में विचर-विचर
था इंद्र खेलता इंद्रजाल।
इन पंक्तियों में कवि ने तेज बारिश का चित्रण किया है एवं बादलों की तुलना उसने किसी विमान से की है। इसका भाव है कि पर्वतीय प्रदेश में वर्षा के समय में क्षण-क्षण होने वाले प्राकृतिक परिवर्तनों तथा अलौकिक दृश्य को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि उन विमानों में बैठकर इंद्र भगवान कोई जादू कर रहे हों। आकाश में उमड़ते-घुमड़ते बादलों को देखकर ऐसा लगता था जैसे बड़े-बड़े पहाड़ अपने पंखों को फड़फड़ाते हुए उड़ रहे हों। ये सब जादू के खेल के समान दिखाई देते हैं।