स्पर्श भाग 2

Book: स्पर्श भाग 2

Chapter: 5. Sumitranandan Pant - Parvat Pradesh Ke Pawas

Subject: Hindi - Class 10th

Q. No. 1 of Exercise

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निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-

गिरिवर के उर से उठ-उठकर


उच्चाकांक्षाओं से तरूवर


है झाँक रहे नीरव नभ पर


अनिमेष, अटल, कुछ चिंतापर।

इन पंक्तियों में कवि ने पर्वतों पर उगे वृक्षों का वर्णन करते हुए कहा है की पर्वत के हृदय से पेड़ उठकर खड़े हुए हैं और शांत आकाश को अपलक और अचल होकर किसी गहरी चिंता में मग्न होकर बड़ी महत्वाकांक्षा से देख रहे हैं। ये हमें ऊँचा और ऊँचा उठने की प्रेरणा दे रहे हैं। पहाड़ के ऊपर और आस पास पेड़ हैं जो उस दृष्टिपटल की सुंदरता को बढ़ा रहे हैं।


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