Listen NCERT Audio Books - Kitabein Ab Bolengi
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
पतंगा अपने क्षोभ को किस प्रकार व्यक्त कर रहा हैं?
यहाँ कवयित्री पतंगों की तुलना संसार के मनुष्यों से कर रही हैं। कवयित्री का मानना है कि संसार के लोगों का क्षोभ अपने मन को दीपक की तरह नहीं जला पाने को लेकर है। संसार के कुछ लोग अपने अहंकार के कारण अपने मन रूपी दीपक को ईश्वर की भक्ति में जला नहीं पाये हैं। ये पतंगे इस हेतु पश्चाताप भी कर रहे हैं कि वो अपनी आस्था को ईश्वर भक्ति के प्रति अक्षुण्ण या अपरिवर्तित क्यों नहीं रख पाये। संसार रूपी पतंगा प्रभु भक्ति के अवसर को गँवा देने पर पश्चाताप कर रहा है और इस प्रकार अपना सिर धुन-धुन कर अपना क्षोभ व्यक्त कर रहा है।