स्पर्श भाग 2

Book: स्पर्श भाग 2

Chapter: 6. Mahadevi Verma - Madhur Madhur Mere Deepak Jal

Subject: Hindi - Class 10th

Q. No. 1 of Exercise

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निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिये-

युग-युग प्रतिदिन प्रतिक्षण प्रतिपल,


प्रियतम का पथ आलोकित कर!

यहां कवयित्री अपने मन रूपी दीपक का प्रभु भक्ति को पाने हेतु उसे प्रतिदिन,प्रतिक्षण और प्रतिपल जलते रहने का आह्वान करती हैं। उनका मानना है कि प्रभु के मार्ग को प्रकाशित करने हेतु मन रुपी दीपक का निरंतर यानि बिना किसी बाधा के जलते रहना आवश्यक है। ऐसा होने पर ही यानि कवयित्री के मन का दीपक की तरह प्रतिपल जलते रहने से ही प्रियतम यानि ईश्वर का मार्ग आलोकित हो पायेगा।


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