Listen NCERT Audio Books - Kitabein Ab Bolengi
निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
वे बताती हैं कि दरअसल कितनी भी बड़ी हो तोप
एक दिन तो होना ही है उसका मुँह बंद।
भाव- कवि ने तोप की दयनीय दशा का चित्रण करते हुए कहा है उसकी यह दशा इस बात का प्रतीक है की बुराई पर अच्छाई की जीत होकर रहती है। चाहे बुराई कितनी ही प्रबल क्यों न हो उसका अंत निश्चित होता है। यही कारण है कि तोप इस दयनीय अवस्था में पड़ी हुई है। कंपनी बाग में रखी तोप के अंदर कभी चिडि़या घुस जाती है तो कभी बच्चे उस पर घुड़सवारी का आनंद उठाते हैं। यह हमें उन तमाम देश भक्तों की याद दिलाती है जो अंग्रेजों के अत्याचारों की बली चढ़े। यह इस बात का जीता जागता उधारण है कि कोई कितना भी बलवान क्यों न हो वह सच्चाई के आगे नहीं टिक सकता एवं उसका अंत निश्चित है। कवि ने इन प्रतीकों के माध्यम से सत्ता के बदलते स्वरूप पर व्यंग्य किया है। कवि बताता है कि समय के आगे किसी की नहीं चलती, समय सबसे अधिक बलवान है।