निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-

जब से कानून भंग काम शुरू हुआ है तब से आज तक इतनी बड़ी सभा ऐसे मैदान में नहीं की गई थी और यह सभा तो कहना चाहिए कि ओपन लड़ाई थी। ‘यहाँ पर कौन और किसके द्वारा लागू किए गए कानून को भंग करने की बात कही गई है? क्या कानून भंग करना उचित था? पाठ के संदर्भ में अपने विचार प्रकट कीजिए।

यहाँ पर अंग्रेजी सरकार द्वारा लागू किए गये कानून को भंग करने की बात हो रही है जो कि कलकत्ता में 26 जनवरी 1931 को लागू किया गया था जिसके अनुसार वहाँ कोई सभा नहीं हो सकती और सभा में भाग लेने वाले व्यक्ति को दोषी समझा जाएगा। लेकिन उनके द्वारा बनाए गए इस कानून को भंग करते हुए कौसिल की तरफ से उन्हें खुली चुनौती दी गई कि उसी दिन मोनुमेंट के नीचे लोग इकट्ठे होकर झंडा फहराएँगे। अंग्रेजी सरकार के द्वारा लगाये गये इस कानून को भंग करना बिलकुल उचित था। यह भारतीयों से उनकी स्वतंत्रता एवं अपने राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के विरुद्ध था जो की किसी भी कीमत पर उचित नहीं है| आज़ादी हर व्यक्ति का जन्मसिद्ध अधिकार है चाहे वह आज़ादी अपने विचारों को व्यक्त करने की हो या अपना राष्ट्रीय ध्वज को फहराने की।


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