निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
बहुत से लोग घायल हुए, बहुतों को लॉकअप में रखा गया, बहुत-सी स्त्रियाँ जेल गई, फिर भी इस दिन को अपूर्व बताया गया है। आपके विचार में यह सब अपूर्व क्यों है? अपने शब्दों में लिखिए।
हमारे विचार में 26 जनवरी 1931 का दिन अद्भुत था क्योंकि इस दिन कलकत्तावासियों को सुभाष चन्द्र बोस के नेतृत्व में देश का दूसरा स्वतंत्रता दिवस मनाते हुए अपनी देशभक्ति, एकता व साहस को सिद्ध करने का अवसर मिला था। उन्होंने यह दिन पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया। पुलिस की सख्ती, लाठियों की मार, गिरफ्तारियाँ और अंग्रेज़ प्रशासकों का फरमान कुछ भी उनके जोश और उत्साह को कम न कर सका| विशेष रूप से महिला कार्यकर्ताओं पर अनेक अत्याचार किए लेकिन पुलिस द्वारा किया क्रूरतापूर्ण व्यवहार भी उनके इरादों को बदल नहीं सका और न ही उनके जोश को कम कर पाया। लोग सब कुछ सह कर भी वंदेमातरम् के नारे लगाते जा रहे थे। कलकत्ता के इतिहास में यह पहला अवसर था जब इतने लोग किसी सभा/जुलूस में एकजुट हुए थे। राष्ट्रीय झंडा फहराने और स्वतंत्रता की प्रतिज्ञा करने का संकल्प उन सब ने मिलकर लिया था उसे उन्होंने यातनाएँ सहकर भी उस दिन पूरा किया।