निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
राजकपूर द्वारा फिल्म की असफलता के खतरों से आगाह करने पर भी शैलेंद्र ने यह फिल्म क्यों बनाई?
राजकपूर एक बेहतर अभिनेता होने के साथ-साथ, बेहतरीन फिल्म निदेशक भी थे| वे जानते थे कि किस प्रकार की फिल्म सफल होती है, लोग किस फिल्म को पसंद करते हैं| जबकि शैलेन्द्र फिल्म निर्माण के क्षेत्र में अनुभवहीन थे| यह उनकी पहली बतौर निर्माता पहली फिल्म थी और वे स्वभाव से भी सीधे-साधे और भावुक इन्सान थे| उन्होंने साहित्यिक महत्त्व को ध्यान में रखकर फिल्म लिखी और उसे बनाने का निर्णय लिया| राजकपूर ने उनकी फिल्म की कहानी सुनकर राजकपूर ने अपनी प्रतिक्रिया में शैलेन्द्र को समझाया की यह फिल्म आप बना रहे हैं यह तो ठीक है लेकिन यह फिल्म सफल होगी अथवा नहीं यह स्पष्ट नहीं है, इस फिल्म को खरीददार मिलेंगे अथवा नहीं यह भी स्पष्ट नहीं है| लेकिन शैलेन्द्र बहुत हो सीधे-साधे, भावुक एवं एक आदर्शवादी व्यक्ति थे| उन्होंने यह कहानी पूर्णतः साहित्यिक उद्देश्य से लिखी थी और वे एक बेहतरीन फिल्म बनान चाहते थे| उनका उद्देश्य मात्र पैसे कमाना नहीं था बल्कि समाज के लिए एक बेहतर फिल्म बनाना था| इसी कारण राजकपूर की चेतावनी के बाद भी उन्होंने यह फिल्म बनाई क्योंकि फिल्म लिखने के वक्त भी उनका उद्देश्य व्यापारिक न होकर एक बेहतर फिल्म बनाने का था|