Listen NCERT Audio Books - Kitabein Ab Bolengi
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
‘तीसरी कसम’ में राजकपूर का महिमायम व्यक्तित्व किस तरह हीरामन की आत्मा में उतर गया है? स्पष्ट कीजिए।
‘तीसरी कसम’ फिल्म का मुख्य किरदार एवं इसका नायक हीरामन है जोकि एक ग्रामीण खालिस देहाती भुच्च गाड़ीवान है| हीरामन का किरदार निभाने के लिए शैलेन्द्र ने राजकपूर को चुना जो उस समय के भारत के ही नहीं अपितु पूरे एशिया के सबसे बड़े शोमैन के रूप में जाने जाते थे| यह किरदार भी कोई सामान्य किरदार नहीं था| इसमें राजकपूर को कोई बहुत बड़े, ज्ञानी, गंभीर व्यक्ति का किरदार नहीं करना थे जिसमें उनको विशिष्टता हासिल थी| यह तो एक ग्रामीण व्यक्ति का किरदार था जो बहुत ही सामान्य है, कम बोलता है, देहाती है, सरल है, सनकी है| वह सामान्य व्यक्तियों से भिन्न व्यवहार करता है कभी सनक जाता है तो कभी एक सामान्य व्यक्ति की तरह व्यवहार करना लगता है| इस किरदार को सिर्फ राजकपूर जैसा व्यक्तित्व ही निभा सकता था क्योंकि यह एक बिलकुल ही अलग किरदार था और ऐसा हुआ भी राजकपूर ने इस किरदार को हमेशा के लिए यादगार बना दिया| वे गाड़ीवान देहाती हीरामन के व्यक्तित्व से एकाकार हो गए, उनके अभिनय में कहीं भी वो तामझाम नहीं दिखता कि वे इतने बड़े अभिनेता हैं, ऐशो-आराम की जिंदगी जीते हैं| वे इस फिल्म के वक्त हीरामन के किरदार के साथ इस प्रकार एकाकार हो गए और हमेशा के लिए उन्होंने स्वयं के लिए, फिल्म जगत के लिए एवं आम-जन की स्मृति में इस किरदार को यादगार बना दिया|