स्पर्श भाग 2

Book: स्पर्श भाग 2

Chapter: 13. Prahlad Aggarwal - Tisari Kasam Ke Shilpkar Shalendra

Subject: Hindi - Class 10th

Q. No. 1 of Likhit

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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-

लेखक ने ऐसा क्यों लिखा है कि ‘तीसरी कसम’ ने साहित्य-रचना के साथ शत-प्रतिशत न्याय किया है?

‘तीसरी कसम’ फिल्म साहित्यिक रचना पर आधारित थी| तीसरी कसम एक शुद्ध साहित्यिक फ़िल्म थी। इस कहानी के मूल स्वरुप में जरा भी बदलाव नहीं किया गया था। साहित्यिक रचनाओं पर आधारित अनेक फ़िल्में बनती हैं लेकिन उनके साथ समस्या यह है कि व्यापारिक संभानाओं को देखकर निर्माता आमजन को आकर्षित करने के लिए उनमें लोक-लुभावन, भड़काऊ, मसालेदार दृश्यों और प्रसंगों को डाल देते हैं| शैलेन्द्र ने इस फ़िल्म में दर्शकों के लिए किसी भी प्रकार के काल्पनिक मनोरंजन को जबरदस्ती ठूँसा नहीं था। शैलेंद्र ने धन कमाने के लिए फ़िल्म नहीं बनाई थी। उनका उद्देश्य एक सुंदर कृति बनाना था। उन्होंने फिल्म बनाते समय इसमें लोक-लुभावन, मसालेदार प्रसंगों को शामिल नहीं किया और उन्हीं सब कारणों की वजह से यह फिल्म एक पूर्ण साहित्यिक फिल्म के पैमाने पर खरी उतरती है| इस फ़िल्म ने कहानी की मूल आत्मा अर्थात् भावुकता के साथ शत-प्रतिशत न्याय किया था इसलिए लेखक ने ऐसा लिखा है कि 'तीसरी कसम' ने साहित्य-रचना के साथ शत-प्रतिशत न्याय किया है।


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