स्पर्श भाग 2

Book: स्पर्श भाग 2

Chapter: 13. Prahlad Aggarwal - Tisari Kasam Ke Shilpkar Shalendra

Subject: Hindi - Class 10th

Q. No. 1 of Likhit

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निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-

वह तो एक आदर्शवादी भावुक कवि था, जिसे अपार संपत्ति और यश तक की इतनी कामना नहीं थी जितनी आत्म-संतुष्टि के सुख की अभिलाषा थी।

यहां लेखक का आशय यह है कि शैलेंद्र ने तीसरी कसम फिल्म का निर्माण धन-संपत्ति कमाने और यश प्राप्त करने के उद्देश्य नहीं किया था। उनका इस फिल्म को बनाने का कारण आत्म संतुष्टि और आत्मसुख को पाने की इच्छा थी। शैलेंद्र एक भावुक और आदर्शवादी कवि थे। उन्हें धन और यश की कोई ख़ास इच्छा नहीं थी अपितु वे तो समाज को एक साफ-सुथरी अच्छी फिल्म देना चाहते थे। वह तो इस बात की संतुष्टि पाना चाहते थे कि उन्होंने अच्छी फिल्म बनाई| इन पंक्तियों में शैलेंद्र के कवि हृदय व्यक्तित्व के बारे में बताया गया है। शैलेंद्र कभी भी धन या यश की लालच में गीत नहीं लिखते थे बल्कि अपनी आत्म संतुष्टि के लिए गीत लिखते थे।


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