स्पर्श भाग 2

Book: स्पर्श भाग 2

Chapter: 14. Anton Chekhav - Girgit

Subject: Hindi - Class 10th

Q. No. 1 of Likhit

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निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए:

हुजूर! यह तो जनशांति भंग हो जाने जैसा कुछ दिख रहा है।

प्रस्तुत उक्ति लेखक ने सिपाही येल्दीरीन के मुख से कहवाई है। भ्रष्ट इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव और सिपाही ने चौक पर गश्त करने के दौरान काफी भीड़ देखी| वास्तव में ख्यूक्रिन नामक व्यक्ति को एक कुत्ते ने काटा था। उसने कुत्ते को कसकर पकड़ कर रखा था और उसकी पिटाई भी कर रहा था। इस दृश्य को देखने हेतु ही चौक पर काफी संख्या में भीड़ इकट्ठा हो गयी थी। सिपाही ने सोचा कि भारी संख्या में भीड़ इकट्ठा होने का साफ मतलब है कि वहां पर कुछ कानूनी मामला बन रहा है। भ्रष्ट इंस्पेक्टर और सिपाही तो अपना उल्लू सीधा करने हेतु या कहें अपना काम निकालने हेतु ऐसे अवसरों की प्रतीक्षा में रहते थे। अपने इसी उद्देश्य को प्राप्त करने हेतु सिपाही येल्दीरीन ने इंस्पेक्टर से कहा-हुजूर! यह तो जनशांति भंग हो जाने जैसा कुछ दिख रहा है।


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