Listen NCERT Audio Books - Kitabein Ab Bolengi
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
शुद्ध आदर्श की तुलना सोने से और व्यावहारिकता की तुलना ताँबे से क्यों की गई है?
शुद्ध सोना बहुत कीमती होता है। ताँबे के साथ मिलकर यह ताँबे के महत्व को बढ़ा देता है जबकी दूसरी ओर ताँबा सोने की कीमत को घटा देता है। शुद्ध आदर्श जब व्यावहारिकता के साथ मिलता है तो इससे व्यावहारिकता की कीमत बढ़ जाती है लेकिन व्यावहारिकता अकेले उतनी प्रभावी नही होती जैसे की अकेले ताँबा उतना प्रभावी नहीं होता| इसलिए शुद्ध आदर्श की तुलना सोने से और व्यावहारिकता की तुलना ताँबे से की गई है।