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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
‘शुद्ध सोने में ताँबे की मिलावट या ताँबे में सोना’, गाँधी जी के आदर्श और व्यवहार में यह बात किस तरह झलकती है? स्पष्ट कीजिए।
गांधीजी ताँबे में सोना मिलाने वाले इंसान थे। इससे वे ताँबे की कीमत बढ़ा देते थे। वे व्यावहारिकता में आदर्शों को मिलाते थे। इसे समझने के लिए हम नमक आंदोलन का उदाहरण ले सकते हैं। आंदोलन का उद्देश्य था अंग्रजों को यहाँ की जनता की ताकत दिखाना। नमक एक मामूली सी चीज है लेकिन इसे हिंदुस्तान का हर आदमी अपनी जिंदगी में प्रतिदिन इस्तेमाल करता है। इससे हिंदुस्तान का हर अमीर गरीब प्रभावित होता है। नमक जैसी मामूली चीज को गांधीजी ने अपना हथियार बना लिया। जो अंग्रेज पहले गांधीजी के नमक आंदोलन की योजना पर हँस रहे थे, वे उस आंदोलन की सफलता को देखकर गांधीजी का लोहा मान गए थे। इससे उनके आम व्यक्तियों के जीवन में व्यावहारिकता के महत्त्व का पता चलता है|